How to identify true love in Hindi : दोस्तों आज का आर्टिकल बड़ा ही इंट्रेस्टिंग होने वाला है। इस आर्टिकल को आप सभी ध्यान पूर्वक जरूर पढ़े। दोस्तो हमारा आज का आर्टिकल सच्चे प्यार और झूठे प्यार में क्या अंतर है इस पर रहेगा। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हर किसी को लाइफ में एक ना एक बार प्यार जरूर होता है। ऐसे बहुत लोग है जो सच्चे प्यार और झूठे प्यार में क्या अंतर होता है। यह नहीं समझ पाते हैं यदि आप भी उन्हीं में से एक है तो आप बिल्कुल सही पोस्ट पढ़ रहे हो।

तो जैसा कि आप सभी जानते हैं कि प्यार का नाम सुनते ही एक अच्छा एहसास हमारे दिल में उमड़ आता है। दूसरी तरफ अगर हम झूठे प्रेम की बात करें। तो हम सभी के मन में एक गलत एहसास आने लगता है। तो इस आर्टिकल में हम आपको सच्चे प्रेम व झूठे प्रेम में अंतर कैसे करें बताएंगे. जानिए पूरी जानकारी….

 

प्रेम क्या है ?

प्रेम वो अनुभूति है जो बस एक बार या फिर कहे पहली नजर में हो जाने वाला प्यार होता है जब किसी एक व्यक्ति को देख आपके दिल में उसके प्रति समर्पण की भावना उत्पन्न होती है उसके अलावा आपके जीवन में किसी और के लिए कोई जगह नहीं होती है। वही प्रेम होता है जो केवल उस एक इंसान के लिए होता है.

आज कल का प्रेम का मतलब माता पिता के अनुसार गलत है तो वही उनके बच्चों के लिए टाइम पास है। इनमे से कुछ ही ऐसे होंगे जिनके लिए प्रेम का मतलब किसी एक व्यक्ति के प्रति समर्पण का होगा।

प्रेम जो आज कल में ज्यादा प्रचलित है और माता पिता कहते है कि हमारे समय में एक दूसरे को देखना भी मना था। लेकिन मेरा मानना यह है कि प्रेम तो प्रेम है अगर ऐसा होता तो क्या हमारे पूर्वजों की जिंदगी में जो भी व्यक्ति आया, वह बिना प्रेम के उनका साथ मारते दम तक नही निभा पाते उनका रिश्ता या तो टूट जाता या फिर समझौता होता।

प्रेम केवल वो नही जो अपने जीवन साथी के साथ होता है प्रेम तो अपनो से भी होता है तभी तो आज जहां प्रेम है वहां परिवार एक साथ रहते हैं और जहां नही है वो परिवार अलग हो जाते है।

 

आइए जानते हैं कि प्रेम की पहचान कैसे करें ?

 

*सच्चा प्रेम आपकी परवाह करता है। जबकि झूठा प्रेम दिखावा करता है।

दोस्तो अगर आपको किसी से प्रेम सच्चा वाला है। तो आप उसकी हमेशा परवाह करोगे। जबकि दूसरी ओर किसी को आपसे अगर झूठा प्रेम है तो वह कभी आपकी परवाह नहीं करेगा। ना ही उसको कोई फिकर होगी। वो सिर्फ आपके साथ ढोंग करेगा प्रेम करने का दिखावा करेगा। ऐसा इंसान सिर्फ आपके साथ टाइम पास करेगा। ऐसे इंसान का कोई दीन धर्म नहीं होता। वह कभी भी आपका साथ नहीं निभाएगा। इसलिए ऐसे लोगो से दूर व सतर्क रहे जो प्यार के नाम पर धोखा देता है।

 

*सच्चा प्यार भरोसा करता है। जबकि झूठा प्रेम शक करता है।

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि अगर हमें किसी से प्रेम है। वो भी सच्चा वाला उस दौरान हम उस व्यक्ति पर आँख बंद करके भरोसा करते हैं। जबकि झूठा प्रेम हमेशा छोटी छोटी बातों पर शक करता है। चाहे हम अपनी जगह पर सही क्यों न हो। ज्यादातर प्रेमी जोड़ो की लड़ाई सिर्फ शक करने की वजह से होती है। फिर उनका रिश्ता बिखरता हुआ नजर आता है।

 

*सच्चा प्यार ईमानदार होता है झूठा प्रेम बेईमान होता है।

अगर हम बात करें सच्चे प्यार की तो वह हर घडी ईमानदार होता है। जबकि झूठा प्रेम हमेशा ही बेईमान होता है। क्योंकि अगर वो आपसे सच्चा प्रेम करेगा तो हर घडी आपसे सच बोलेगा और आपके प्रति ही सदैब नतमस्तक रहेगा। इसलिए दोस्तो आपको ऐसे लोगों की पहचान करने आने की जरूरत है. अगर आपको लगता है कोई आपके साथ गलत है या फिर उसका व्यवहार अजीब है. तो उसका साथ तुरंत छोड़ दें।

*सच्चा प्यार आपकी परेशानियों को समझेगा। जबकि झूठा आपको दर्द देगा।

आपको पता होना चाहिए कि आपका प्यार आपको हमेशा खुश देखना चाहता है। अगर वो आपसे झूठा प्रेम करता है तो वो आपको परेशान करेगा साथ ही आपकी किसी परेशानी को नहीं समझेगा। वो सिर्फ आपको दर्द देगा आपको हर समय रुलाएगा। इसलिए आपको थोड़ा दिमाग लगा कर उसे पहचानने की कोशिश करें। वही आपका सच्चा प्यार आपकी परेशानियां को अपनी परेशानी समझ कर उसका समाधान निकलेगा ओर आपको खुश कर देगा.

 

*सच्चा प्यार हमेशा आपको खुश रखेगा जबकि झूठा प्यार आपको खुश रखने का प्रयास भी नही करेगा।

सच्चा प्यार हमेशा कुछ न कुछ ऐसा करता रहता है कि उससे आपके चेहरे पर हमेशा मुस्कान बनी रहती है और आपकी उस प्यारी सी मुस्कान को देख उसके होठों पर भी मुस्कान आ जाती है लेकिन वही बात करे दिखावटी  प्रेम की तो वो ऐसा प्रयास करने की बात तो छोड़ो इसके बारे में सोचेगा भी नहीं. बस आपको टाइम पास समझेगा।

 

अंत मे यही कहूंगी कि प्रेम है हो जाता है लेकिन उसमें हमे प्रेम की पहचान करना आना चाहिए क्योंकि कभी कभी प्रेम जो हमे लगता है असल में वो प्रेम नही एक आकर्षण भी होता है कभी कभी किसी एक व्यक्ति के लिए, इसलिए प्रेम को लेकर आपको यह पहचान करना और अंतर करना आना जरूरी है।

आशा करता हूँ  कि आपको यह आर्टिकल पसन्द आएगा। अगर आपको यह आक्टिकल पसंद आया तो आप हमें कंमेन्ट बॉक्स में कंमेन्ट करते भी बता सकते हैं।